Physics Class 9th Chapter 4 in Hindi : BSEB Class 9th chapter 4 Notes in Hindi: गुरुत्वाकर्षण बल(gravitation force) वैसा बल जो ब्रह्मांड में किन्ही दो पिंडों के बीच लगता है गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है class 9th chapter 4 notes in Hindi NCERT notes class 9th chapter 4 class 9th Physics chapter 4 notes in Hindi : Physics class 9th chapter 4 pdf 9th class notes class 9th science notes chapter 4 class 9th Physics chapter 4 9th science notes in Hindi
हम आपके लिए इस chapter गुरुत्वाकर्षण बल(gravitation force) में कम समय में परिक्षा की तैयारी करने के लिए शाँट नोट्स लाए है। जिनसे आप अपनी परिक्षा की तैयारी कम से कम समय में कर पायेंगे । इस पोस्ट में हमने इस chapter का हरेक point को आसान भाषा में cover कियें है जो आप कभी नहीं भुल पाएंगे
गुरुत्व बल(Force of gravity)
वैसा बल जो पृथ्वी तथा अन्य पिंडो के बीच लगने वाला आकर्षण बल होता है गुरुत्व बल कहलाता है
Physics class 9th chapter 4 in Hindi
गुरुत्वाकर्षण बल(Gravitation force)
वैसा बल जो ब्रह्मांड में किन्ही दो पिंडों के बीच लगता है गुरुत्वाकर्षण बल कहलाता है
न्युटन के गुरुत्वाकर्षण के के सर्वात्रिक नियम
वह आकर्षण बल जो दो पिंडों के बीच लगता है तथा उन पिंडों के द्रव्यमान के गुणनफल के सीधा समानुपाती होता है और उनके बीच के दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम कहलाता है
F = G . m1 . m2 / r² जहाँ G एक सर्वात्रिक नियतांक होता है।
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गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियतांक
एकांक द्रव्यमान की वस्तु के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल के बराबर मान जो इकाई दूरी पर होता है को गुरुत्वाकर्षण नियतांक कहते हैं इसे G से सुचित किया जाता है यह पुरे ब्राह्माण में एक समान होता है।
इसका s / i मात्रक Nm²/Kg² होता है
G = f. r²/m1.m2
गुरुत्वाकर्षण के सर्वात्रिक नियम का महत्व
- इस नियम से सौरमंडल का अस्तित्व कायम रहता है या सूर्य के चारों ओर ग्रह गति लगाते हैं
- इस नियम से पृथ्वी के चारों ओर चंद्रमा गति लगाता है
- इस नियम की सहायता से वर्षा की बूंद तथा हिमपात होता है
- इस नियम से पृथ्वी पर वायुमंडल का एक विशिष्ट आवरण होता है
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केप्लर के ग्रहिय गति का नियम
केप्लर नामक वैज्ञानिक ने ग्रहों के बारे में जानकारी प्राप्त कर एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे केप्लर के ग्रहिय गति का नियम कहते हैं
केप्लर का प्रथम नियम
इस नियम के अनुसार सारे ग्रह एक दीर्घ वृत्ताकार रूप में होती है जिसके केंद्र में सूर्य स्थित होता है
केप्लर का दुसरा नियम
इस नियम के अनुसार जो रेखा सूर्य तथा ग्रह को मिलाती है वह समान समय में समान क्षेत्रफल तय करती है
केप्लर का तीसरा नियम
इस नियम के अनुसार किसी ग्रह का सूर्य का जो औसत दूरी का घन होता है वह ग्रह सूर्य के परित: परिक्रमण काल के वर्ग के समानुपाती माना जाता है
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मुक्त पतन
जब किसी वस्तु को ऊंचाई से गिराते हैं तो वह पृथ्वी की ओर आकर्षित होती है जिस मुक्त पतन कहते हैं
गुरुत्वीय त्वरण(Acceleration of gravity)
गुरुत्वाकर्षण के कारण पृथ्वी के किसी वस्तु में जो त्वरण उत्पन्न होता है गुरुत्वीय त्वरण कहलाता है
- यह एक सदिश राशि है
- पृथ्वी पर इस का मान बदलता रहता है
- इसका s / i मात्रक m / sec² होता है।
- g = 9.8 m / sec² होता है।
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G तथा g में अंतर
G –
- इसके द्वारा गुरुत्वाकर्षण नियतांक को सूचित किया जाता है
- Nm² / kg² इसका मात्रक होता है।
- यह सभी जगह एक समान होता है।
g –
- इसके द्वारा गुरुत्वीय त्वरण को सूचित किया जाता है
- m / sec² इसका मात्रक होता है
- यह सभी जगह एक समान नहीं होता है
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गुरुत्वीय त्वरण तथा जड़त्वीय त्वरण में अंतर
गुरुत्वीय त्वरण –
- गुरुत्वाकर्षण बल पर निर्भर करता है
- g इसका सुचक होता है
जड़त्वीय त्वरण –
- यह किसी भी वस्तु के द्रव्यमान पर निर्भर करती है
- a इसका सुचक होता है।
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द्रव्यमान(Mass)
किसी वस्तु में अगर द्रव्य की मात्रा होती है तो उसे द्रव्यमान कहते हैं
- M या m इनका सुचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- kg इसका s / i मात्रक होता है
- इसका मापन साधारण तुला से किया जाता है।
- किसी भी चीज का द्रव्यमान पृथ्वी पर हर जगह एक समान होता है
भार(Weight)
पृथ्वी के पास एक प्रकार का बल होता है जिसके सहायता से किसी भी चीज को अपनी ओर खींच लेती है जिसे उस वस्तु का भार कहते हैं
- W या w इसका सुचक होता है
- यह सदिश राशि होता है
- इसका मापन कमानीदार तुला से किया जाता है
- किसी चीज का भार एक समान नहीं हो सकता
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द्रव्यमान तथा भार में अंतर
द्रव्यमान –
- किसी वस्तु में अगर द्रव्य की मात्रा होती है तो उसे द्रव्यमान कहते हैं
- M या m इनका का सूचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- kg इसका s / i मात्रक होता है
- इसका मापन साधारण तुला से किया जाता है
- किसी भी चीज का द्रव्यमान पृथ्वी पर हर जगह एक समान होता है
भार –
- पृथ्वी के पास एक प्रकार का बल होता है जिसके सहायता से किसी भी चीज को अपनी ओर खींच लेता है उसे उस वस्तु का भार कहते हैं
- W या w इसका सूचक होता है
- यह सदिश राशि होता है
- इसका मापन कमानीदार तुला से किया जाता है
- किसी चीज का भार एक समान नहीं हो सकता
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पृथ्वी के सतह पर गुरुत्वीय त्वरण का व्यंजक
- g = GM / R²
- g = गुरुत्वीय त्वरण (9 .8 m / sec² )
- G = गुरुत्वाकर्षण नियतांक
- M = पृथ्वी का द्रव्यमान
- R = पृथ्वी का त्रिज्या
- चन्द्रमा का जो सतह होता है उसपर g का मान 1.66 m/s² होता है जो पृथ्वी के तुलना में चन्द्रमा पर g का मान 1 / 6 भाग होता है।
g के मान में परिवर्तन
क्योंकि हम जानते हैं कि पृथ्वी पूरे रूप से गोल नहीं होता है जिसकी वजह से उसकी त्रिज्या एक जैसी नहीं होती है तो जो गुरुत्वीय त्वरण होता है उसका मान पृथ्वी पर एक जैसा नहीं होता है क्या आप जानते है पृथ्वी का जो केन्द्र होता उसपर g का मान शुन्य होता है।
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दाब(Pressure)
दाब एसा बल होता है जो किसी भी वस्तु के इकाई क्षेत्रफल पर लगता है
- इसका s / i मात्रक N / m² होता है इसे पास्कल भी कहा जाता है
- Pa इसका सुचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- दाब = बल / क्षेत्रफल या N / m² होता है
एक पास्कल
जब एक न्यूटन का बल 1 वर्ग मीटर क्षेत्रफल पर आरोपित किया जाता है तो वस्तु पर जो आरोपित दाब होता है उसे एक पास्कल कहा जाता है
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प्रणोद
जब बल किसी सतह पर लंबवत लगता है तो उसे प्रणोद कहते हैं
प्रणोद = दाब x क्षेत्रफल
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पास्कल का नियम
इस नियम के अंतर्गत अगर किसी डिब्बे के एक भाग में द्रव को भर दिया जाए तो जब उस पर आरोपित दाब लगता है तो वह पूरे डिब्बे को सामान्य रूप से भर देता है जिसे पास्कल का नियम कहते हैं
उत्प्लावन्ता
इस प्रक्रिया के अंतर्गत अगर किसी वस्तु को को किसी द्रव में डुबाया जाता है तो उस पर ऊपर की ओर एक बल कार्य करता है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं तथा इस पूरी प्रक्रिया को उत्प्लावन्ता कहते हैं
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आर्किमिडीज का नियम
आर्कमिडीज नामक वैज्ञानिक ने उत्प्लावन्ता के संबंध में एक नियम का प्रतिपादन किया जिसे आर्कमिडीज का नियम कहते हैं इस नियम के अनुसार ,
जब किसी वस्तु को किसी द्रव या गैस में डुबाया जाता है तो उसके भार में एक प्रकार की कमी होती है जो उस वस्तु द्वारा लगाए गए द्रव या गैस के भार के बराबर होती है
द्रव ( प्लवन ) में वस्तु की स्थिति
- अगर किसी वस्तु का भार उसके द्वारा लगाए गए द्रव के भार से अधिक होता है तो वस्तु द्रव में पूरे तरीके से डूब जाता है
- अगर किसी वस्तु का भार उसके द्वारा लगाए गए द्रव के भार से कम होता है तो वस्तु द्रव में नहीं डुबकर बल्कि उसके सतह पर तैरने लगता है।
- अगर किसी वस्तु का भार उसके द्वारा लगाए गए द्रव के भार के बराबर होता है तो वस्तु द्रव में डुबते हुए तैरता है।
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घनत्व(density)
पदार्थ की ऐसी मात्रा जो इकाई आयतन में उपस्थित रहती है घनत्व कहलाता है
- D या d इसका सुचक होता है
- यह अदिश राशि होता है
- kg / m³ इसका s / i मात्रक होता है
- घनत्व = द्रव्यमान / आयतन
आपेक्षित घनत्व(Relative density)
पदार्थ का घनत्व तथा पानी का घनत्व का जो अनुपात होता है उसे अपेक्षित घनत्व कहा जाता है इसे हाइड्रोमीटर द्वारा मापा जाता है Physics class 9th chapter 3 in Hindi बल तथा गति के नियम(Force and law of motion) Best science notes https://www.mahistudy.com/hi/class-9-biology-chapter-2-notes-in-hindi