Chemistry Class 10th Chapter 3 in Hindi :BSEB Class 10th chapter 3 Notes in Hindi: Chemistry CLASS 10TH CHAPTER 3 NOTES IN HINDI धातु तथा अद्यातु (Metal and Non-Metal) class 10th chapter 3 notes in Hindi NCERT notes class 10th chapter 3 class 10th Chemistry chapter 3 notes in Hindi :Chemistry CLASS 10TH CHAPTER 3 NOTES IN HINDI Chemistry class 10th chapter 3 pdf 10th class notes class 10th science notes chapter 3 class 10th Chemistry chapter 3 10th science notes in Hindi
हम आपके लिए इस chapter धातु तथा अद्यातु(Metal and Non-Metal) में कम समय में परिक्षा की तैयारी करने के लिए शाँट नोट्स लाए है। जिनसे आप अपनी परिक्षा की तैयारी कम से कम समय में कर पायेंगे । इस पोस्ट में हमने इस chapter का हरेक point को आसान भाषा में cover कियें है जो आप कभी नहीं भुल पाएंगे |
तत्व(Element)
पदार्थ का वैसा भाग जिसे आगे और विघटित नहीं किया जा सकता है तत्व कहलाता है |
जैसे – हाइड्रोजन , ऑक्सिजन , लोहा , मैग्निशियम
- तत्वों कि कुल संख्या 114 होती है जिसमें 92 धातु तथा 22 अधातु होते है।
- उपद्यातुओं कि संख्या 7 होती है।
- आवर्त सारणी में बायीं तरफ धातु तथा दायीं तरफ अधातु तथा अक्रिय गैस को रखी जाती है।
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तत्वो का वर्गीकरण
धातु – वैसे तत्व जो उष्मा एवं विद्युत का चालन करते है और जिसमें अघातवर्ध्य तथा तन्य होता है धातु कहलाता है जैसे आयरन , एल्युमिनियम , सोना , चाँदी इत्यादि
अधातु – वैसे तत्व जो उष्मा एवं विधुत का चालन नही करता है और जिसमें अघातवर्ध्य एवं तन्य का गुण नहीं पाया जाता है अधातु कहलाता है जैसे कार्बन , सल्फर , ब्रोमीन इत्यादि
उपधातु – वैसे तत्व जिनमें धातु एवं अधातु दोनों के गुण पाये जाते है उपद्यातु कहलाता है जैसे बोरॉन . सिलिकॉन , जर्मेनियम . सेलेनियम ,एंटीमनी इत्यादि
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धातु तथा अधातु के भौतिक गुणों में अंतर
धातु –धातुए चमकदार होती हैं यह अघातवर्ध्य तथा तन्य होती है यह विद्युत एवं उष्मा का सुचालक होती है धातुएं ठोस होती है धातुओं के गलनांक एवं क्वथनांक उच्च होते हैं
अद्यातु –यह चमकदार नहीं होती है ये भंगूर होती है अधातु विद्युत एवं उष्मा की कुचालक होती हैं अधातु ठोस एवं गैस होती है अधातु का गलनांक और क्वथनांक निम्न होता है
अपवाद –
- आयोडीन एवं ग्रेफाइट धातुएं चमकदार होती है
- सीसा धातु विद्युत का सुचालक नहीं होता है
- ग्रेफाइट अधातु है लेकिन विद्युत का सुचालक होता है
- पारा धातु है जो द्रव के रूप में पाया जाता है
- ब्रोमीन अधातु है लेकिन द्रव अवस्था में पाया जाता है
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अघातवर्ध्य
धातु का वह गुण जिसको हथौड़े से पीटकर उन्हें चादर के रूप में बदला जा सकता है अघातवर्ध्य कहलाता है
- सोना तथा चांदी सबसे अधिक अघातवर्ध्य है
- सोना को पीटकर 0.0004MM पतली चादर बनाई जा सकती है।
- धातुओं में लैटिस संरचना होती है
- एलुमिनियम के पतली पनियों का प्रयोग पात्रों के मुंह बंद करने में भोजन सामग्री तथा चॉकलेट इत्यादि को लपेटने में किया जाता है
- चांदी के पनियों का उपयोग मिठाई के ऊपर सजाने में किया जाता है
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तन्यता
धातुओं का वह गुण जिसके कारण उनको तार के रूप में बनाया जा सके तन्यता कहलाता है जैसे सोना चाँदी
- सोना तथा चांदी में सबसे अधिक तन्यता होती है जिसके कारण 1 ग्राम सोना से लगभग 2KM तक लंबा तार बनाया जा सकता है
- ऊष्मा का सबसे अच्छा चालक चांदी और कॉपर है
- घरों में उपयोग होने वाला तार के ऊपर पाँलिवाइनील क्लोराइड अथवा रबड़ की परत जैसी कवर चढ़ी होती है
- यूरेनियम सबसे भारी धातु और लिथियम सबसे हल्की धातु है
धातुई चमक
धातु की सतह विशिष्ट चमक वाली होती है जिसे धातुई चमक कहते हैं
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धातुई ध्वनि
हथौड़े से पीटे जाने पर धातुओं से विशेष प्रकार की ध्वनि उत्पन्न होती है जिससे धातुई ध्वनि कहते हैं
- गैलियम एवं सिजियम का गलनांक बहुत कम होता है जिनके कारण इन धातुओं को हथेली पर रखने से हमारे शरीर की उष्मा से पिघलने लगती है
धातु तथा अधातु के रासायनिक गुणों में अंतर
धातु –धातु विद्युत धनात्मक होती है(Na+ ,Ca++) यह ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर क्षारीय धातु ऑक्साइड बनाती है(2mg+O2→2mgo) ऑक्साइड जल में खुलकर क्षार बनाते हैं(Na2+H2O→2NaOH) यह जल से अभिक्रिया कर धातु के ऑक्साइड एवं हाइड्रोजन गैस बनाती है यह अम्ल से अभिक्रिया हाइड्रोजन गैस बनाती है
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अद्यातु –अधातु विद्युत ऋणात्मक होती है ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया कर अम्लीय ऑक्साइड बनाती है अधातुओं के ऑक्साइड जल में घुलकर अम्ल बनाते हैं यह जल के साथ अभिक्रिया नहीं करती है यह अम्ल से अभिक्रिया कर हाइड्रोजन गैस नहीं बनाती है
जल के साथ अभिक्रिया
कुछ धातु जल के साथ तथा कुछ धातु भाप के साथ अभिक्रिया कर प्रत्येक स्थिति में हाइड्रोजन गैस मुक्त करती है
- ठंडे जल के साथ अभिक्रिया –
- 2NA+2H2O→2NaOH+H2↑
- भाप के साथ अभिक्रिया –
- Mg+H2O→Mgo+H2↑
- ZN+H2O→ZNO+H2↑
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उभयधर्मी ऑक्साइड या द्विधर्मी ऑक्साइड
धातु के ऐसे ऑक्साइड जो अम्ल एवं क्षार आप दोनों से अभिक्रिया कर लवण तथा जल बनाते हैं उभयधर्मी ऑक्साइड कहलाता है ।
Zno+2HCl→ZnCl2+H2O
एनोडिकरण
एल्युमिनियम पर मोटी ऑक्साइड की परत बनाने की क्रिया को एनोडीकरण कहते हैं
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सक्रियता श्रेणी
सक्रियता श्रेणी वह सूची है जिसमें धातुओं की क्रियाशीलता को अवरोही क्रम में सजाया जाता है
जल के साथ तीव्र अभिक्रिया करने वाले धातुओं के नाम
- पोटैशियम(K) , सोडियम(Na) , कैल्सियम(Ca)
जल के साथ मंद अभिक्रिया करने वाले धातु का नाम
- मैगनेशियम(mg) , एल्युमिनियम(Al) , जिंक(Zn) आयरन(Fe)
अम्ल के साथ अभिक्रिया नहीं करने वाले धातु
- मरकरी( पारा)Pb , सिल्वर(Ag) सोना(Au) प्लैटिनम(Pt)
सोडियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है क्यों ?
चुकी सोडियम सामान्य ताप पर नमी एवं ऑक्सीजन के साथ तेजी से अभिक्रिया करती है और सोडियम ऑक्साइड बना देती है लेकिन यह केरोसिन तेल के साथ किसी भी प्रकार की प्रक्रिया नहीं करती है इसलिए सोडियम को केरोसिन में डुबोकर रखा जाता है
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आयनिक यौगिक का गलनांक उच्च होता है क्यों ?
चुकी आयनिक यौगिक धन एवं ऋण आवेश युक्त आयनों से बने होते हैं तथा यह आयन स्थिर वैद्युत आकर्षण बल द्वारा एक-दूसरे से काफी मजबूती से बंधे रहते हैं इस आकर्षण बल को कम करने के लिए और अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है यही कारण है कि आयनिक यौगिक का गलनांक उच्च होता है
धातु प्रकृति की अवस्था
मुक्त अवस्था में –वे धातु मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं जिन पर ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड वाष्पजल नाइट्रोजन आदि का कोई प्रभाव सामान्य अवस्था में नहीं पड़ता है जैसे सिल्वर सोना प्लैटिनम इत्यादि
संयुक्त अवस्था में –वह धातु संयुक्त अवस्था में पाई जाती है जो ऑक्सीजन कार्बन डाइऑक्साइड जलवाष्प आदि के साथ आसानी से अभिक्रिया कर सकती है जैसे सोडियम पोटैशियम कैल्सियम मैग्नीशियम कॉपर इत्यादि
जंग(Rust)
लोहा को जब आद्र हवा में अधिक समय तक खुला छोड़ दिया जाता है तो उस पर भूरे रंग की एक परत जम जाती है जिसे जंग कहते हैं
संक्षारण
संक्षारण वह रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें क्रियाशील धातु नमी युक्त हवा से अभिक्रिया कर अवांछनीय पदार्थों का निर्माण करता है संक्षारण कहलाता है जैसे लोहे में जंग लगना
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संक्षारण की शर्ते
वायु की उपस्थिति जल की उपस्थिति अभिक्रियाशील धातु की उपस्थिति
जंग से बचने का उपाय
धातु के ऊपर पेंट करके तेल लगा कर ग्रीस लगाकर जस्ती करण के द्वारा क्रोमियम लेपन मिश्र धातु बनाकर
जस्तीकरण
लोहे पर जिंक धातु की पतली परत चढ़ाने की क्रिया को जस्तीकरण कहते हैं
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गैल्वेनिकृत लोहा
जिंक की पतली परत चढ़ाए गए लोहे को गैलवेनिकृत लोहा कहते हैं इसका अधिकांश उपयोग लोहे की बाल्टी पाइप आदि बनाने में
मिश्रधातु
दो या दो से अधिक धातु एवं अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्र धातु कहते हैं जैसे पितल→ ताँबा एवं जस्ता , काँशा→ ताँबा एवं टीन . शोल्डर→ शिशा एवं टीन
अम्लगम
मिश्रधातु में एक धातु पारा हो तो उसे अम्लगम कहते है जैसे सोडियम अम्लगम(Na+Hg) पारा लोहा के साथ अम्लगम नहीं बनाता है ।
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खनिज
भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली धातु युक्त ठोस पदार्थ को खनिज कहते हैं जैसे सोडियम क्लोराइड कैल्सियम क्लोराइड
अयस्क(Ore)
वे खनिज जिनमें धातु आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त की जा सके अयस्क कहलाता है
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अयस्क के प्रकार
- ऑक्साइड अयस्क –
- हेमेटाइट→Fe2O3
- बॉक्साइट→Al2O3.2H2O
- सल्फाइड अयस्क –
- कांपर ग्लांस→Cu2S
- सिनेबार→HgS
- जिंक ब्लेड→ZnS
- कार्बोनेट अयस्क –
- चुना पत्थर→CaCO3
- कैलेमाइन→ZnCO3
- हैलाइड अयस्क –
- रॉक साल्ट→NaCl
- फ्लोस्पार→CaF2
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खनिज तथा अयस्क में अंतर
खनीज –
- भूपर्पटी में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली धातु या यौगिकों को खनिज कहते हैं
- सभी खनिजों में धातु की प्रतिशत मात्रा एक समान नहीं होती है
- खनिजों में कुछ अशुद्धियां होती है जो उसके निष्कर्षण में बांधा डालती है
- सभी खनिजों से धातु का निष्कर्षण नहीं होता
- सभी खनिज अयस्क नहीं होते हैं
अयस्क –
- वैसा खनिज जिनमें धातुएं आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त की जा सकती है उसे अयस्क कहते हैं
- सभी अयस्क में धातु की मात्रा पर्याप्त होती है
- अयस्कों में अशुद्धियां नहीं के बराबर होती है
- सभी अयस्कों से धातु का निष्कर्षण हो सकता है
- सभी अयस्क खनिज है
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धातु कर्म
अयस्कों से धातु के निष्कर्षण एवं उनकी शोधन की प्रक्रिया धातु कर्म कहलाती है
गैंग या अद्यात्री
अयस्कों में उपस्थित अशुद्धियों को गैंग कहते हैं जैसे बालू मिट्टी का कण कंकड़ पत्थर इत्यादि
सान्द्रण
अयस्कों में उपस्थित अशुद्धियों को दूर करना सांद्रण कहलाता है
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जारण या भर्जन
वैसे प्रक्रिया जिसमें सांद्रित अयस्क को वायु की पर्याप्त मात्रा में इतना गर्म किया जाता है कि वह पिघले नहीं और अयस्क ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है वर्जन कहलाता है
निस्तापन
वैसे प्रक्रिया जिसमें अयस्कों को उसकी द्रवणांक से कम तापमान पर ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो अयस्क ऑक्साइड में परिवर्तित हो जाता है जिसे निस्तापन कहते हैं
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निस्तापन तथा भर्जन में अंतर
भर्जन –
- इसमें अयस्क को वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है
- यह प्रायः सल्फाइड अयस्क के लिए प्रयुक्त होता है
- इस विधि से अयस्क ऑक्सिकृत हो जाते हैं
- इसमें निस्तापन से अधिक ताप की आवश्यकता होती है
निस्तापन –
- इसमें अयस्क को सीमित वायु की उपस्थिति में गर्म किया जाता है
- यह प्रायः कार्बोनेट अयस्क के लिए प्रयुक्त होता है
- इस विधि से अव्यस्को का निर्जलीकरण हो जाता है और स्पंज के तरह हो जाते हैं
- इसमें भर्जन से कम ताप की जरूरत होती है
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गालक
गायक वह पदार्थ है जिसे भर्जित अयस्क एवं कोक के साथ निर्मित कर मिश्रण को गर्म किया जाता है
प्रगलन
धातु के ऑक्साइड को कोक के साथ गर्म करके उसे धातु में परिवर्तित करने की प्रक्रिया प्रगलन कहलाती है
तत्व तथा उसके अयस्क
- तत्व – अयस्क –
- पारा (Hg)→ सिनेबार(HgS) सिलनाइड(HgSe)
- ताँब (Cu)→ कापर ग्लांस(Cu2S) कॉपर पायराइट्स(CuFeS2)
- जस्ता(Zn)→ जिंक ब्लेड(ZnS) कैलेमाइन(ZnCO3)
- मैगनीज(MN)→ पाइरोलुसाइट(MnO2)
- लोहा(Fe)→ हेमेटाइट(Fe2O3) मैग्नेटाइट(Fe3O4)
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ताँबा का अयस्क
तांबा का प्रमुख अयस्क कॉपर ग्लांस(Cu2S) है
- कॉपर का निष्कर्षण –
- तांबा धातु का निष्कर्षण मुख्यतः कॉपर ग्लांस से किया जाता है कॉपर ग्लास एक सल्फाइड अयस्क है इसलिए इसे र्भर्जन विधि द्वारा धातु ऑक्साइड में बदला जाता है
लोहा का अयस्क
लोहा का प्रमुख अयस्क हेमेटाइट(Fe2O3) है
- लोहा का निष्कर्षण –
- लोहा का निष्कर्षण हेमेटाइट अयस्क से कार्बन अपचयन विधि द्वारा किया जाता है हेमेटाइट अयस्क को गुरुत्व पृथक्करण विधि द्वारा सांद्रित किया जाता है
जस्ता का अयस्क
जस्ता का प्रमुख अयस्क जिंक ब्लेड(ZnS) होता है
- जस्ता का निष्कर्षण –
- जस्ता धातु का निष्कर्षण जिंक ब्लड एवं कैलेमाइन अयस्क से किया जाता है जिंक बलेड को र्भर्जन विधि द्वारा ऑक्साइड में तथा कैलामाइन अयस्क को निस्थापन विधि द्वारा ऑक्साइड में बदला जाता है
एल्युमिनियम का अयस्क
एल्युमीनियम का प्रमुख अयस्क बॉक्साइट(Al2O3.2H2O) होता है
- एल्युमिनियम का निष्कर्षण –
- एलुमिनियम का निष्कर्षण इसके प्रमुख अयस्क बॉक्साइट से किया जाता है । Chemistry class 10th chapter 2 in Hindi अम्ल क्षारक एवम् लवण(Acid, Base and Salt) Best science notes https://www.mahistudy.com/class-9th-biology-chapter-5-notes-in-hindi/
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